हिंद चीन में राष्ट्रवादी आंदोलन Class 10 Previous Year Question Paper

प्रिय छात्र! इस पोस्ट में हम पढ़ेंगे हिंद चीन में राष्ट्रवादी आंदोलन चैप्टर से संबधित सारे प्रश्न, जो कि बिहार बोर्ड कक्षा 10 के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। हमने इस पोस्ट को इस तरह से तैयार किया है कि यह आपको पढ़ने में रोचक और सरल लगे। हिंद चीन में राष्ट्रवादी आंदोलन  से संबंधित इसमें दिए गए सभी प्रश्न पहले Bihar Board के Class 10 परीक्षाओं में कई बार पूछे जा चुके हैं, इसलिए यह आपकी तैयारी में बेहद सहायक सिद्ध होंगे। और हमने यह भी प्रश्न के आगे बताया है कि किस साल में यह प्रश्न पूछा गया है।

Table of Contents

हिंद चीन में राष्ट्रवादी आंदोलन Class 10 Previous Year Question Paper

हिंद चीन में राष्ट्रवादी आंदोलन Class 10 लघु उत्तरीय प्रश्न

1. हो-ची-मिन्ह का संक्षिप्त परिचय दें।

उत्तर:- हो-ची-मिन्ह वियतनामी स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे। वे साम्यवाद से प्रभावित थे और 1930 में ‘वियतनाम कॉग सान देंग’ दल की स्थापना की। उन्होंने 1945 में लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना की और वियतनाम की स्वतंत्रता के लिए जीवन भर संघर्ष किया।

2. अमेरिका हिंद चीन में कैसे दाखिल हुआ?

उत्तर:- अमेरिका दक्षिणी वियतनाम और हिंद-चीन में साम्यवाद को रोकने के लिए दाखिल हुआ। कंबोडिया के शासक सिंहानुक ने चीन, रूस और पूर्वी जर्मनी से संबंध बढ़ाए, जिससे अमेरिका को हस्तक्षेप करना पड़ा ताकि साम्यवादी प्रभाव को रोका जा सके।

3. नापाम और एजेंट ऑरेंज क्या था?

उत्तर:- नापाम और एजेंट ऑरेंज वियतनाम युद्ध में इस्तेमाल किए गए खतरनाक रासायनिक हथियार थे। नापाम एक ज्वलनशील मिश्रण था जो त्वचा पर चिपक कर जलता था। एजेंट ऑरेंज एक विषैला रसायन था जिसका उपयोग जंगलों को नष्ट करने के लिए किया गया था। इनसे भारी नुकसान हुआ।

4. हो-ची-मिन्ह मार्ग की क्या उपयोगिता थी?

उत्तर:- हो-ची-मिन्ह मार्ग हनोई से दक्षिणी वियतनाम तक जाता था और लाओस और कम्बोडिया से होकर गुजरता था। यह वियतनामी लोगों के लिए रसद पहुंचाने का महत्वपूर्ण मार्ग था। अमेरिका इस मार्ग को नियंत्रित करना चाहता था क्योंकि यह वियतकांग की जीवनरेखा थी।

5. हिंद चीन का अर्थ क्या है?

उत्तर:- हिंद चीन दक्षिण पूर्व एशिया का एक प्रायद्वीपीय क्षेत्र है, जिसमें वियतनाम, लाओस और कम्बोडिया शामिल हैं। यह क्षेत्र लगभग 2.80 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला है। इसकी उत्तरी सीमा म्यांमार और चीन से लगती है, जबकि दक्षिण में चीन सागर और पश्चिम में म्यांमार स्थित है।

6. होआ – होआ आंदोलन का क्या उद्देश्य था?

उत्तर:- होआ-हाओ आंदोलन वियतनाम में 1939 में शुरू हुआ था और इसका उद्देश्य देश के एकीकरण और बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए था। इसके नेता हुइन्ह-फूसो थे। इस आंदोलन में क्रांतिकारी घटनाएं शामिल थीं, जिसमें आत्मदाह जैसी उग्रवादी गतिविधियां भी होती थीं।

हिंद चीन में राष्ट्रवादी आंदोलन Class 10 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. हिंद – चीन में राष्ट्रवाद के विकास का वर्णन करें।

उत्तर:- हिंद-चीन में राष्ट्रवाद के विकास में कई कारकों ने भूमिका निभाई। औपनिवेशिक शोषण और स्थानीय आंदोलनों ने इस भावना को बढ़ावा दिया। 20वीं शताब्दी की शुरुआत में विरोध तेज हो गया। 1903 में फान-बोई-चाऊ ने ‘दुई तान होई’ नामक क्रांतिकारी संगठन की स्थापना की। उन्होंने “द हिस्ट्री ऑफ द लॉस ऑफ वियतनाम” लिखकर जागरूकता बढ़ाई।

1905 में जापान द्वारा रूस की हार ने हिंद-चीन के लोगों को प्रेरित किया। फ्रांसीसी विचारकों रूसो और मांटेस्क्यू के विचार भी उन्हें प्रभावित कर रहे थे। फान-चू-त्रिन्ह ने राजतंत्रीय आंदोलन को गणतंत्रीय बनाने की कोशिश की। जापान में पढ़ने गए छात्रों ने वियतनाम कुवान फुक होई (वियतनाम मुक्ति एसोसिएशन) की स्थापना की।

प्रारंभिक राष्ट्रवाद कोचिन-चीन, अन्नाम और तोंकिन तक सीमित था। प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान, हजारों हिंद-चीनी सेना में भर्ती हुए और मजदूरों को फ्रांस ले जाया गया। युद्ध में कई सैनिकों की मृत्यु हुई, जिससे लोगों में असंतोष बढ़ा। 1914 में “वियतनामी राष्ट्रवादी दल” का गठन हुआ। 1930 के दशक की आर्थिक मंदी ने भी राष्ट्रवाद को बढ़ावा दिया।

2. हिंद चीन में फ्रांसीसी प्रसार का वर्णन करें?

उत्तर:- हिंद-चीन में फ्रांसीसी उपनिवेश स्थापना के कई कारण थे:

  1. आर्थिक कारण:- वियतनाम एक कृषि प्रधान देश था जहाँ चावल और रबर का उत्पादन होता था। इसके अलावा, यहाँ कोयला, टिन, जस्ता, टंगस्टन और क्रोमियम जैसे खनिज पदार्थ मिलते थे। फ्रांसीसी इन संसाधनों का उपयोग अपने उद्योगों के विकास में करना चाहते थे और हिंद-चीन में व्यापार के अच्छे अवसर भी देख रहे थे।
  2. व्यापारिक सुरक्षा:- फ्रांसीसी व्यापार को डच और ब्रिटिश कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता था। चीन में अंग्रेज उनके व्यापारिक प्रतिद्वंद्वी थे और भारत में फ्रांसीसी कमजोर हो चुके थे। इसलिए, हिंद-चीन फ्रांसीसियों के लिए व्यापारिक और आर्थिक दृष्टिकोण से सुरक्षित था। यहाँ से वे भारत और चीन दोनों पर ध्यान दे सकते थे।
  3. यूरोपीय सभ्यता का प्रसार:- फ्रांसीसियों का एक उद्देश्य था हिंद-चीन के लोगों को यूरोपीय सभ्यता से अवगत कराना और उन्हें “सभ्य” बनाना। इसके अलावा, कैथोलिक धर्म का प्रचार भी फ्रांसीसी उपनिवेश स्थापना का एक उद्देश्य था।

इस प्रकार, हिंद-चीन में फ्रांसीसी प्रसार के पीछे आर्थिक लाभ, व्यापारिक सुरक्षा और सांस्कृतिक प्रसार जैसे प्रमुख कारण थे।

Q3. राष्ट्रपति निक्सन के हिंद चीन में शांति के संबंध में पांच सूत्री योजना क्या थी? इसका क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर:- अमेरिका और वियतनाम के बीच युद्ध के दौरान अमेरिकी अत्याचारों की विश्व भर में आलोचना हो रही थी। इसे देखते हुए, अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन ने हिंद-चीन में शांति स्थापित करने के लिए एक पाँच सूत्री योजना पेश की। इस योजना के मुख्य बिंदु निम्नलिखित थे:

  1. हिंद-चीन की सभी सेनाएँ युद्ध बंद कर अपनी-अपनी जगह पर बनी रहें।
  2. युद्ध विराम की निगरानी अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षक करेंगे।
  3. युद्ध विराम के दौरान कोई भी देश अपनी सैन्य शक्ति नहीं बढ़ाएगा।
  4. इस अवधि में सभी प्रकार की लड़ाइयाँ बंद रहेंगी।
  5. अंतिम लक्ष्य पूरे हिंद-चीन में संघर्ष का अंत होगा।

हालांकि, इस शांति प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया गया। इसके बाद, निक्सन ने आठ सूत्री योजना पेश की, जिसे भी वियतनामियों ने खारिज कर दिया। इस बीच, चीन और सोवियत संघ ने भी हिंद-चीन में अपना प्रभाव बढ़ाना शुरू कर दिया। अंततः, 27 फरवरी 1973 को पेरिस में वियतनाम युद्ध की समाप्ति के समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इस प्रकार, अमेरिका के साथ चल रहा युद्ध समाप्त हो गया और अप्रैल 1975 में उत्तरी और दक्षिणी वियतनाम का एकीकरण हो गया।

इसे भी पढ़ें:- समाजवाद एवं साम्यवाद Class 10 Previous Year Question

हिंद चीन में राष्ट्रवादी आंदोलन Class 10 Previous Year Question Paper Pdf

Pdf Download

⛔हिन्द-चीन में फ्रांसीसी प्रसार का वर्णन करें, हिन्द-चीन, हिन्द चीन में फ्रांसीसी प्रसार का वर्णन करें, हिन्द चीन का अर्थ क्या है, हिंद चीन में राष्ट्रवादी आंदोलन notes, हिंद चीन का अर्थ क्या है, hind chin pahunchne wale pratham vyapari kaun the, hind chin mein francisi prasar ka varnan karen, hind chin kshetra mein kaun se desh aate hain, hind chin ka arth kya hai, हिंद चीन में कौन सा राष्ट्र शामिल है?, हिंद चीन का दूसरा नाम क्या है?, हिंद चीन का नाम हिंद चीन क्यों पड़ा?, हिंद चीन किसका उपनिवेश था?, हिंद चीन में राष्ट्रवादी आंदोलन Notes, हिंद चीन में राष्ट्रवादी आंदोलन का ऑब्जेक्टिव, इंडो-चाइना हिंद-चीन में उपनिवेशवाद और राष्ट्रवाद, इंडो-चाइना में राष्ट्रवादी आंदोलन pdf, हिंद चीन में कौन सा राष्ट्र शामिल नहीं है, हिंद चीन में राष्ट्रवादी आंदोलन Objective Question, इंडो-चाइना का निर्माण कब हुआ, हिंद-चीन में राष्ट्रवादी आंदोलन क्लास 10th

हिंद चीन में राष्ट्रवादी आंदोलन Class 10 FAQ

1. हिंद चीन का अर्थ क्या है?

उत्तर:- हिंद चीन का अर्थ है दक्षिण-पूर्व एशिया का वह क्षेत्र जो भारत और चीन के बीच स्थित है। इसमें मुख्यतः वियतनाम, लाओस और कंबोडिया शामिल हैं। यह नाम इस क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति और सांस्कृतिक प्रभावों को दर्शाता है।

2. हिंद चीन में फ्रांसीसी प्रसार का वर्णन करें।

उत्तर:- 19वीं शताब्दी के मध्य से, फ्रांस ने हिंद चीन में अपना प्रभाव बढ़ाना शुरू किया। 1862 तक, फ्रांस ने दक्षिणी वियतनाम पर कब्जा कर लिया। धीरे-धीरे, उन्होंने कंबोडिया और लाओस को भी अपने नियंत्रण में ले लिया। फ्रांसीसियों ने इस क्षेत्र में अपनी भाषा, शिक्षा प्रणाली और प्रशासनिक संरचना लागू की।

3. हिंद चीन में कौन सा राष्ट्र शामिल है?

उत्तर:- हिंद चीन में मुख्य रूप से तीन देश शामिल हैं:

  1. वियतनाम
  2. लाओस
  3. कंबोडिया

कभी-कभी म्यांमार (बर्मा) और थाईलैंड के कुछ हिस्सों को भी इसमें शामिल किया जाता है।

4. हिंद चीन में राष्ट्रवादी आंदोलन का वर्णन करें।

उत्तर:- हिंद चीन में राष्ट्रवादी आंदोलन 20वीं शताब्दी की शुरुआत में उभरा। इसका मुख्य उद्देश्य फ्रांसीसी उपनिवेशवाद से मुक्ति प्राप्त करना था। वियतनाम में हो ची मिन्ह के नेतृत्व में यह आंदोलन सबसे मजबूत था। इस आंदोलन ने स्वतंत्रता, सामाजिक न्याय और आर्थिक विकास की मांग की।

5. हिंद चीन किसका उपनिवेश था?

उत्तर:- हिंद चीन मुख्य रूप से फ्रांस का उपनिवेश था। 19वीं शताब्दी के मध्य से लेकर द्वितीय विश्व युद्ध के अंत तक, फ्रांस ने इस क्षेत्र पर शासन किया। हालांकि, जापान ने भी द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान कुछ समय के लिए इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था।

Leave a Comment