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यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय Class 10th Previous Year Question

प्रिय छात्र! इस पोस्ट में हम पढ़ेंगे यूरोप में राष्ट्रवाद चैप्टर से संबधित सारे प्रश्न, जो कि बिहार बोर्ड कक्षा 10 के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। हमने इस पोस्ट को इस तरह से तैयार किया है कि यह आपको पढ़ने में रोचक और सरल लगे। इसमें दिए गए सभी प्रश्न पहले परीक्षाओं में कई बार पूछे जा चुके हैं, इसलिए यह आपकी तैयारी में बेहद सहायक सिद्ध होंगे। और हमने यह भी प्रश्न के आगे बताया है कि किस साल में यह प्रश्न पूछा गया है।

Table of Contents

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यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय Class 10th history chapter 1 in hindi

चलिए, अब हम शुरू करते हैं:-

लघु उत्तरीय प्रश्न

Q1. इटली के एकीकरण में मेजिनी का क्या योगदान था? – 2011A,2015AII

उत्तर:- इटली के एकीकरण में मेजिनी का महत्वपूर्ण योगदान था। उन्होंने राष्ट्रवादी भावना से प्रेरित होकर कार्वोनारी की सदस्यता ली और गणतांत्रिक विचारों का समर्थन किया। उनके लेखों से इटली के लोगों में राष्ट्रीयता की भावना जागृत हुई। उन्होंने ‘यंग इटली’ और ‘यंग यूरोप’ का गठन किया। 1848 में उन्होंने इटली के एकीकरण का प्रयास किया, लेकिन असफल रहे और उन्हें देश छोड़ना पड़ा।

Q2. गैरीबाल्डी के कार्यों की चर्चा करें। – 2014AI,2016A

उत्तर:- गैरीबाल्डी ने इटली के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह युद्ध की नीति में विश्वास रखते थे और उन्होंने ‘लाल कुर्ती’ नामक सशस्त्र युवकों की एक टुकड़ी बनाई। इस टुकड़ी की मदद से उन्होंने सिसिली पर कब्जा किया और गणतंत्र की स्थापना की। पोप के राज्य पर आक्रमण करने की उनकी योजना को काबूर ने अनुमति नहीं दी।

Q3. जर्मनी के एकीकरण के लिए बिस्मार्क ने कौन सी नीति अपनाई? – 2012A,2014AII,2016A

उत्तर:- जर्मनी के एकीकरण के लिए बिस्मार्क ने ‘रक्त और तलवार’ की नीति अपनाई। प्रशा के राजा विलियम प्रथम ने बिस्मार्क को प्रधानमंत्री (चांसलर) नियुक्त किया। बिस्मार्क ने पहले आर्थिक सुधार करके प्रशा को मजबूत किया और उसकी सैनिक शक्ति बढ़ाई। फिर उसने डेनमार्क, ऑस्ट्रिया और फ्रांस के साथ युद्ध किया। इन युद्धों के परिणामस्वरूप यूरोप के नक्शे पर एकीकृत जर्मन राष्ट्र का उदय हुआ।

Q4. मेजिनी कौन था? – 2019AI

उत्तर:- मैजिनी इटली के एकीकरण के एक प्रमुख नेता थे। उन्हें इटली के एकीकरण का पैगम्बर कहा जाता है, उनका सपना था कि ऑस्ट्रिया के शासन से मुक्त होकर इटली एक बने। वे एक सेनानायक के रूप में नहीं बल्कि एक समर्थक और साहित्यकार के रूप में भी प्रसिद्ध थे। उन्होंने गणतंत्रवादी विचारों को बढ़ावा दिया और ‘यंग इटली’ की स्थापना की, जो इटली के एकीकरण की ओर एक महत्वपूर्ण कदम था।

Q5. इटली तथा जर्मनी के एकीकरण में ऑस्ट्रेलिया की क्या भूमिका थी? – 2013A,2020AI

उत्तर:- ऑस्ट्रेलिया ने इटली और जर्मनी के एकीकरण में अहम भूमिका नहीं खेली। वैसे तो ऑस्ट्रिया, इटली और जर्मनी के एकीकरण का विरोध किया गया था, पर ऑस्ट्रिया की हार के बाद इटली पर ऑस्ट्रिया का प्रभाव कम हो गया। जर्मनी भी अपने अलग पथ पर चली, और जर्मनी से ऑस्ट्रिया का प्रभाव समाप्त हो गया।

Q6. वियना कांग्रेस की दो उपलब्धियां बताएं? – 2021AII

उत्तर:- वियना कांग्रेस की दो उपलब्धियां निम्नलिखित है:-

(i) नेपोलियन ने हारी हुई राजवंशों को फिर से सत्ता में लाने का प्रयास किया।

(ii) फ्रांस और स्पेन में बुबाँ राजवंश को फिर से स्थापित किया गया। फ्रांस में लुई 18वाँ को राजगद्दी सौंपी गई और इटली में ऑस्ट्रियाई राज परिवार को सत्ता सौंपी गई। वियना व्यवस्था ने यूरोप में राजनीतिक परिवर्तन किए और पुरानी सत्ता को बहाल किया।

Q7. जर्मनी के एकीकरण की बधाएँ क्या थी? – 2022AI

उत्तर:- जर्मनी के एकीकरण में कई बड़ी बाधाएँ थीं। पहली बात, जर्मनी में लगभग 300 छोटे-बड़े राज्य थे, जिनके बीच बहुत सारी राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक विषमताएँ थीं। इसके अलावा, राष्ट्रवाद की भावना का कम होना भी एक बड़ी बाधा थी। ऑस्ट्रिया भी जर्मनी के एकीकरण में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहा था। और अंत में, मेटरनिख की प्रतिक्रियावादी नीति भी इस प्रक्रिया को विलम्बित कर रही थी।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Q1. यूनानी स्वतंत्रता आंदोलन का संक्षिप्त विवरण दें? – 2014AII

उत्तर:- 18वीं सदी में ऑटोमन साम्राज्य की स्थिति कमजोर होने लगी और लोगों ने उसे ‘यूरोप का मरीज’ कहना शुरू किया। इससे लाभ उठाकर राष्ट्रवादी शक्तियाँ सशक्त हो गईं। यूनान के बौद्धिक आंदोलन और गुप्त क्रांतिकारी संगठनों ने इन शक्तियों को समर्थन दिया। 1821 में सोल्डेविया में व्यापक विद्रोह हुआ, परंतु यह कुचल दिया गया। फिर मोरिया में एक और विद्रोह शुरू हुआ। तुर्की के सुल्तान ने इसे धार्मिक विवाद के रूप में दिखाने का प्रयास किया, लेकिन मिस्र के पाशा रहमत अली की सहायता से उसने इसे कुचल दिया। इससे पूरा यूरोप चौंक गया।

ब्रिटेन, रूस और फ्रांस ने तुर्की के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई की तैयारी की। रूस ने 1829 में तुर्की को पराजित किया और एड्रियानोपुल की संधि को स्वीकार किया, लेकिन यूनानी राष्ट्रवादियों ने इसे स्वीकार नहीं किया। फिर 1832 में कुस्तुनतुनिया की संधि के द्वारा स्वतंत्र यूनान का उदय हुआ और बवेरिया के राजकुमार ऑटो यूनान का शासक बने।

Q2. राष्ट्रवाद के उदय के कारणों एवं परिणामों की चर्चा करें। – 2014AI, 2018C, 2024AI

उत्तर:- राष्ट्रवाद का उदय होने के पीछे कई कारण थे:-

(i) यूरोप में फ्रांसीसी क्रांति और नेपोलियन की विजयों ने इसे प्रोत्साहित किया।

(ii) फ्रांसीसी क्रांति ने सामान्य लोगों तक राजनीति को पहुंचाया और राजनीतिक शक्ति को कुलीन वर्ग के हाथों से हटाया।

(iii) नेपोलियन ने भी विजित राज्यों में राष्ट्रवादी भावना को बढ़ाया।

(iv) इसके साथ ही, फ्रांस के आधिपत्य के खिलाफ अनेक राष्ट्रों में आक्रोश उत्पन्न हुआ, जो राष्ट्रवाद के विकास को बढ़ावा दिया।

इसके परिणामस्वरूप, यूरोप और विश्व पर कई प्रभाव हुए:

(i) राष्ट्रीयता की भावना से प्रेरित कई राष्ट्रों में क्रांतियाँ और आंदोलन हुए। इनसे नए राष्ट्रों का निर्माण हुआ, जैसे इटली और जर्मनी।

(ii) यूरोपीय राष्ट्रवाद का प्रभाव एशिया और अफ्रीका में भी दिखाई दिया। उन उपनिवेशों में भी राष्ट्रीय आंदोलन शुरू हुए, जो यूरोपीय शासन के खिलाफ थे।

(iii) राष्ट्रवाद ने प्रतिक्रियावादी शक्तियों और निरंकुश शासकों का प्रभाव कमजोर किया।

(iv) भारतीय राष्ट्रवाद भी यूरोपीय राष्ट्रवाद का प्रभाव प्राप्त किया।

(v) राष्ट्रवाद ने साम्राज्यवादी प्रवृत्तियों को बढ़ावा दिया और अंत में पहले विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि तैयार की।

Q3. इटली के एकीकरण में मेजिनी काबुल और गैरीबाल्डी के योगदानों को बताएं। – 2020AI

उत्तर:- इटली के एकीकरण में तीन प्रमुख नायकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई: मेजिनी, काबूर, और गैरीबाल्डी। इनके योगदान निम्नलिखित हैं:

मेजिनी: – मेजिनी को इटली के एकीकरण का मसीहा माना जाता है। बचपन से ही वह इटली की स्वतंत्रता के लिए प्रयासरत थे। 1831 में उन्होंने ‘यंग इटली’ नामक संस्था की स्थापना की, जिसने युवाओं में नई चेतना जगाई। मेजिनी के गणतंत्रवादी विचारों ने इटली के एकीकरण का मार्ग प्रशस्त किया।

काबूर: – काबूर को इटली का वास्तविक निर्माता कहा जाता है। 1858 में वह पीडमौंट का प्रधानमंत्री बने। उनका मुख्य उद्देश्य ऑस्ट्रिया से इटली को मुक्त कराना था। काबूर ने फ्रांस के साथ एक चतुर कूटनीतिक गठबंधन किया और 1859 में ऑस्ट्रिया को हराने में सफलता प्राप्त की।

गैरीबाल्डी: – गैरीबाल्डी ‘लाल कुर्ती’ नामक क्रांतिकारी आंदोलन के नेता थे। उन्हें ‘तलवार’ भी कहा जाता था। 1860 में उन्होंने दक्षिणी इटली और दो सिसलियों की राजधानी में यात्रा की और स्थानीय किसानों का समर्थन प्राप्त कर स्पेन के शासकों को हटाने में सफलता पाई।

इस प्रकार, 1870 में इटली का एकीकरण इन तीन प्रमुख नायकों की वजह से संभव हो सका। मेजिनी को ‘मसीहा’, काबूर को ‘राजनीतिज्ञ’ और गैरीबाल्डी को ‘तलवार’ कहा जाता है।

Q4. यूरोप में राष्ट्रवाद के प्रसार में नेपोलियन बोनापार्ट के योगदानों की विवेचना करें। – 2021AI

उत्तर:- नेपोलियन बोनापार्ट ने यूरोप में राष्ट्रवाद के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1799 में, उसने फ्रांस में डायरेक्टरी शासन को समाप्त कर दिया और प्रथम कॉन्सल बन गया। 1804 में, नेपोलियन फ्रांस का सम्राट बन बैठा और ब्रिटेन को छोड़कर लगभग पूरे यूरोप पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया। नेपोलियन के शासनकाल में, फ्रांसीसी क्रांति के सिद्धांतों का प्रसार उसके प्रभाव वाले यूरोपीय क्षेत्रों में भी हुआ। उसने फ्रांसीसी आधिपत्य वाले राज्यों में वही संस्थाएँ स्थापित की जो फ्रांस में थीं। इन राज्यों में नेपोलियन संहिता लागू की गई, जिसने जन्मजात विशेषाधिकार समाप्त कर दिए और कानून के समक्ष समानता का सिद्धांत अपनाया। इससे फ्रांस के कब्जे वाले यूरोपीय देशों में नई उम्मीद जागी और वहाँ भी तानाशाही के खिलाफ आवाज उठने लगी। इसके परिणामस्वरूप, राष्ट्रवाद का प्रसार हुआ।

नेपोलियन ने जर्मनी और इटली के राज्यों को भौगोलिक नामों से हटाकर उन्हें एक वास्तविक और राजनैतिक रूपरेखा दी, जिससे इटली और जर्मनी के एकीकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ। नेपोलियन की नीतियों के कारण, फ्रांसीसी प्रभुसत्ता के खिलाफ भी यूरोप में राष्ट्रवाद का प्रसार हुआ और देशभक्ति की भावना मजबूत होने लगी।

Q5. 1848 ईस्वी की फ्रांसीसी क्रांति के क्या कारण थे? – 2013C, 2014C, 2019C, 2020AII, 2022AII, 2024AII

उत्तर:- 1848 की फ्रांसीसी क्रांति के मुख्य कारण:

  1. राजनीतिक असंतोष:
  • राजा लुई फिलिप का शासन अलोकप्रिय था।
  • उन्होंने ‘स्वर्णिम मध्यमवर्गीय नीति’ अपनाई, जिससे केवल अमीरों को फायदा हुआ।
  • लोगों को राजनीतिक भागीदारी और स्वतंत्रता नहीं मिल रही थी।
  1. आर्थिक संकट:
  • देश में गरीबी, बेरोजगारी और भुखमरी व्याप्त थी।
  • औद्योगिक क्रांति के कारण श्रमिकों की हालत खराब हो गई थी।
  • व्यापारियों और उद्योगपतियों को भी आर्थिक नीतियों से नुकसान हो रहा था।
  1. सामाजिक असमानता:
  • समाज में अमीर और गरीब के बीच भारी अंतर था।
  • कुलीन वर्ग विशेषाधिकारों का आनंद ले रहा था, जबकि आम जनता हाशिए पर थी।
  • लोगों में सामाजिक न्याय और समानता की इच्छा थी।
  1. यूरोपीय क्रांति का प्रभाव:
  • 1848 में यूरोप के कई देशों में क्रांतियां हुईं, जिससे फ्रांस के लोग भी प्रेरित हुए।
  • इन क्रांतियों ने लोगों में स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व की भावना जगाई।

इन मुख्य कारणों के अलावा, कुछ अन्य कारकों ने भी 1848 की क्रांति में योगदान दिया, जैसे:

  • प्रेस की सेंसरशिप
  • शिक्षा का अभाव
  • राष्ट्रवाद का उदय

यूरोप में राष्ट्रवाद से संबंधित प्रश्न (FAQ’s)

महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर

Q1. यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय कब और कैसे हुआ?

उत्तर:- यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय 19वीं शताब्दी में हुआ। फ्रांसीसी क्रांति (1789) और नेपोलियन युद्धों ने राष्ट्रवाद की भावना को बल दिया। इसके परिणामस्वरूप, विभिन्न यूरोपीय देशों में स्वतंत्रता और एकता की मांग बढ़ी।

Q2. नेपोलियन बोनापार्ट का यूरोप में राष्ट्रवाद पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर:- नेपोलियन ने यूरोप में अनेक सुधार लागू किए जो राष्ट्रवाद की भावना को प्रोत्साहित करने वाले थे। उसकी नीतियों ने विभिन्न राज्यों में राष्ट्रीय एकता और स्वतंत्रता की इच्छा को बल दिया।

Q3. इटली का एकीकरण कैसे हुआ?

उत्तर:- इटली का एकीकरण 19वीं शताब्दी के मध्य में हुआ। इस आंदोलन का नेतृत्व मुख्यतः तीन नेताओं – ग्यूसेप मेज़िनी, ग्यूसेप गैरीबाल्डी और कैवोर ने किया। उन्होंने विभिन्न इटालियन राज्यों को एकीकृत कर एक स्वतंत्र राष्ट्र का निर्माण किया।

Q4. जर्मनी का एकीकरण कैसे हुआ?

जर्मनी का एकीकरण 1871 में हुआ। ऑटो वॉन बिस्मार्क ने इस प्रक्रिया का नेतृत्व किया। उसने विभिन्न जर्मन राज्यों को प्रशा (प्रशिया) के नेतृत्व में एकीकृत किया।

Q5. यूरोप में राष्ट्रवाद के कारण कौन-कौन से प्रमुख संघर्ष हुए?

उत्तर:- यूरोप में राष्ट्रवाद के कारण कई प्रमुख संघर्ष हुए, जैसे:

  1. फ्रांस-प्रशिया युद्ध (1870-71)
  2. इटली का स्वतंत्रता संग्राम
  3. ऑस्ट्रो-प्रशियन युद्ध (1866)
  4. यूनानी स्वतंत्रता संग्राम (1821-29)

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